कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य कार्यशाला का आयोजन
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक श्री यशपाल सिंह राजपूत व जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री विवेक शर्मा उपस्थित थे।

कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य कार्यशाला का आयोजन
शाजापुर, 12 जुलाई 2025 / प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री आंनद कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय केे निर्देश पर 12 जुलाई 2025 को गॉधी हॉल शाजापुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध एवं निवारण अधिनियम, 2013) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित एवं पुष्प माला पहनाकर किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक श्री यशपाल सिंह राजपूत व जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री विवेक शर्मा उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री आंनद कुमार तिवारी ने ऑरेलियनो फर्नाडीस बनाम गोवा राज्य एवं अन्य नामक सिविल अपील संख्या 2482/2014 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मई 2024 में पारित आदेश के अनुक्रम में जारी किए गए नवीन दिशा-निर्देशों की जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की पृष्ठ भूमि से लेकर वर्तमान प्रावधानों के बारे मे बताते हुए कहा कि नियोक्ता का कर्तव्य है कि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। यदि किसी महिला अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ किसी भी प्रकार की यौन शोषण की घटना होती है तो वह विभागीय स्तर पर गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) अथवा यदि आंतरकि शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया हो तो स्थानीय शिकायत समिति को कर सकती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं की झूठी शिकायत पाएं जाने पर महिलाओं के विरूद्ध भी दण्ड के प्रावधान है।
कलेक्टर सुश्री बाफना ने संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों और कानूनी प्रावधानों की जानकारी होना चाहिए, जिससे वे कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न सम्बन्धी अपराधों के खिलाफ आवाज उठा सके। साथ ही केलक्टर ने कहा कि उक्त प्रकरणों की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए प्रकरणों की त्वरित सुनवाई करे तथा सभी विभाग पीड़िता के हक में कार्य करे ताकि उसे न्याय मिल सके। कलेक्टर सुश्री बाफना ने जानकारी देते हुए बताया कि कई मामले में अज्ञानता एवं बदनामी के डर से महिलाओं के साथ होने वाले अपराध दर्ज नहीं हो पाते एवं कई महिलाएं अपराध होने के बाद भी शिकायत दर्ज कराने से झिझकती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई उनकी मदद नहीं करेगा या फिर उन्हें सामाजिक बदनामी का डर होता है। उन्होंने सभी महिलाओं को अपने अधिकारों और कानूनी प्रावधानों की जानकारी रखने की बात कही।
पुलिस अधीक्षक श्री राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा कि जहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवता निवास करते है, इसलिए हम सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सामाजिक चेतना के माध्यम से अपराध एवं कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराई को रोकने एवं समाज में जागरूकता बढाने पर बल दिया। इस अवसर पर जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के पूर्व में विशिष्ट अतिथि प्रधान जिला न्यायाधीश श्री जितेन्द्र कुमार पराशर ने कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़ी विधिक जानकारी प्रदान की गई, ताकि कार्यस्थल पर पीडित महिलाएं यौन उत्पीड़न के खिलाफ बिना किसी संकोच के अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। साथ ही उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानूनी की जानकारी दी तथा संस्थानों में आंतरिक शिकायत समिति की अवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यशाला का संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती शिखा शर्मा ने किया तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्रीमती नमिता बौरासी ने अभार व्यक्त किया। कार्यशाला के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए।
इस अवसर पर न्यायधीशगण, श्री अंजनी नंदन जोशी, श्री अवधेश कुमार गुप्ता प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय, जिला न्यायाधीशगण शाजापुर, जिला न्यायाधीशगण शाजापुर, श्री दिनेश कुमार नोटिया, श्री गिर्राज प्रसाद गर्ग, श्री दिलीप सिंह, श्रीमती रंजीता राव सोलंकी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती सुनयना श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्रीमती नमिता बौरासी, व्यवहार न्यायाधीशगण श्रीमती प्रेमलता जितेन्द्र गोयल, श्रीमती अनुष्का शर्मा, श्री धीरज आर्य, अनुविभागीय अधिकारी सुश्री मनीषा वास्कले, महिला एवं बाल विकास विभाग सहायक संचालक सुश्री नीलम चौहान, जेल अधीक्षक श्री दुष्यंत कुुमार पगारे, उप जेल अधीक्षक श्री सुनील मण्डलेकर, जेल स्टॉफ, लीगल एड डिफेन्स काउसिंल सहित न्यायालयीन महिला कर्मचारीगण एवं पुलिस विभाग, चिकित्सा, शिक्षा विभाग से अन्य महिलाएं अधिकारी/कर्मचारीगण तथा कार्यशाला में लगभग 300 से अधिक महिलाएं उपस्थित थी।