गुरु पूर्णिमा पर्व पर शिष्यों ने गुरुओं की चरणवंदना कर लिया आशीर्वाद
श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर उदासीन आश्रम में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व

सोनकच्छ । सोनकच्छ क्षेत्र में गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुवार को भक्ति भाव के साथ मनाया गया। हवन पूजन और अनुष्ठान किए गए। भक्तों ने अपने-अपने गुरु की चरण वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सुबह से शाम तक धार्मिक कार्यक्रमों का दौर चलता रहा। मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए भारी भीड़ उमड़ी। गुरु पूर्णिमा को भैरव पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है तो लोगों ने कुल भैरव की पूजा भी विधि-विधान से की । भैरव मंदिर में आकर्षक शृंगार (चोला) चढ़ाया,दाल-बाटी चूरमे का भोग लगाया । साल में एक बार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को भैरव पूजन घर-घर गांव-गांव और जिन परिवारों के कुल भैरव हैं, वहां जाकर पूजन-अर्चन किया ।रुद्र अवतार साक्षात भैरव महाराज को प्रसन्न रखने के लिए आषाढ़ मास की चतुर्थी से भैरव पूजन का क्रम चलता है। यह पूर्णिमा तक रहता है।



गुरु पूर्णिमा पर्व की तैयारी भक्तों ने तीन दिन पहले से ही शुरू कर दी थी घरों में पूजा पाठ करने के साथ ही लोग मंदिरों में भगवान का दर्शन करने के लिए पहुंचे। प्राचीन श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर उदासीन आश्रम में भगवान का श्रंगार कर उनकी आरती उतारी गई। इस दौरान भजन कीर्तन किए गए। इसके बाद भक्तों ने बाबा महेश्वरानंद जी की प्रतिमा को तिलक कर शाल ओढ़ाई एवं श्रीचन्द्रजी महाराज कि चरण वंदना की।भक्तों ने महंत लवचन्द्र दास जी उदासीन का तिलक लगाकर चरण वंदना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।


इसके साथ ही भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। देर रात तक तक कार्यक्रम चलते रहे। लगभग सभी मंदिरों में लोग दर्शन व गुरु की पूजा करने के लिए पहुंचे। कई घरों में भगवान की कथा का श्रवण किया गया।