गीता जनमानस के लिए मार्गदर्शक एवं आध्यात्मिक शिक्षक है। पूज्य कृष्णा मां।

गीता जनमानस के लिए मार्गदर्शक एवं आध्यात्मिक शिक्षक है। पूज्य कृष्णा मां।
सोनकच्छ। गीता जनमानस के लिए श्रेष्ठ मार्गदर्शक एवं आध्यात्मिक शिक्षक है। इसलिए हमें नित्य गीता पाठ करना चाहिए। जिस कार्य को करने से आप खुश होते हैं वहीं पुण्य है तथा जिस कार्य से मन खिन्न होता है वही पाप है। अतः हमें छोटे छोटे पुण्य कर्म करते रहना चाहिए। एक बुराई आती है तो उसके साथ अनेक बुराईयां आती है क्योंकि बुराई में संगठन है। हमें बुराई से बचते रहना चाहिए। उक्त विचार पूज्य कृष्णा मां आष्टा ने 56 वें गीता जयंती महोत्सव के अंतिम दिवस पर प्रवचन में कहें। सर्व प्रथम पूज्य श्री कृष्णा मां ने भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी का पूजन माल्यार्पण किया। पुष्प हार से स्वागत सुरेश भूतड़ा, गणेश राम पाटीदार, रणछोड़ लाल जाजू, घनश्याम सिंह सेंगर, मनोहर राठी, बाबूलाल परमार, रमेश सांवलिया, कैलाश चंद्र मुरमिया , तरूण सोखिया,श्री मती विजय लक्ष्मी जोशी, मनिषा शर्मा, सरोज सिकरवार, सुरेश झाला, गोरधन सांवलिया आदि ने किया। शब्दों से स्वागत ट्रस्टी सोभाग सिंह ठाकुर ने किया।
गीता भवन ट्रस्ट 2023,24के आय व्यय पत्रक का वाचन ट्रस्टी डॉ धर्मेन्द्र कुमार नागर ने किया। गीता भवन के संस्थापक प्रबंधक ट्रस्टी स्वर्गीय पंडित श्री वल्लभ जी शास्त्री के जीवन पर आधारित पुस्तक कर्म योगी का विमोचन पूज्य कृष्णा मां ने किया। कर्म योगी पुस्तक की विस्तृत जानकारी एवं गीता भवन सोनकच्छ के कार्यों की जानकारी ट्रस्टी सत्यनारायण लाठी ने दी। पूज्य कृष्णा मां एवं भजन मंडली का सम्मान किया गया।महा प्रसाद के प्रायोजक लक्ष्मी नारायण शर्मा,सोभाग सिंह ठाकुर, कैलाश चंद्र दरक, ओमप्रकाश परमार का सम्मान किया गया। विशेष सहयोग के लिए बाबूलाल परमार,देवी प्रसाद परमार एवं ओमप्रकाश परमार चौबारा वाले परिवार का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन अध्यात्म मंडल के अध्यक्ष श्री प्रमोद कुमार भावसार ने किया। आभार प्रदर्शन अध्यात्म मंडल के महामंत्री अशोक कुमार दुबे ने किया। इस अवसर पर स्वर्गीय वैद्य गंगाराम जोशी की स्मृति में एक पंखा,सोभाग सिंह ठाकुर की ओर से 7 पंखे, घनश्याम यादव की ओर से 5100रू गोपाल मेहता द्वारा एक पंखा बाबूलाल सांवलिया द्वारा एक पंखा,सेठ शंकर लाल मेहता द्वारा ग्यारह हजार रुपए भेंट किए गए। तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव में बड़ी संख्या में सोनकच्छ नगर एवं आसपास के ग्रामीणों माता बहनों एवं धर्म प्रेमी जनता ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर धर्म लाभ लिया।