देवास में अधूरी सड़कें बनी भ्रष्टाचार की पहचान, जनआंदोलन की तैयारी

देवास में सड़क घोटाले पर गरमाई राजनीति और जनता का आक्रोश
देवास ज़िले में सड़क निर्माण कार्यों की पोल खोलते हुए जिला पंचायत सदस्य मोनु रविंद्र चौधरी (वार्ड क्रमांक–2) ने मंगलवार को कलेक्टर देवास को ज्ञापन सौंपा और अधूरे निर्माण व भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया। चौधरी ने कहा कि रसलपुर से छोटा टिगरिया तक की सड़क तीन साल से अधूरी पड़ी है, जबकि करोड़ों रुपए का बजट खर्च कर दिया गया। जनता के टैक्स का पैसा पानी की तरह बहाया गया, लेकिन धरातल पर न सड़क है, न विकास—यह केवल भ्रष्टाचार और अधिकारियों की खुली लापरवाही का नमूना है।
उन्होंने आगे बताया कि शिप्रा सुकलिया से बड़ा टिगरिया मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढे इसे मौत का जाल बना चुके हैं। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और ग्रामीण नरकीय यातना झेलने को मजबूर हैं। चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर तुरंत सड़क निर्माण और मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस जनसुनवाई में ग्रामीणों का गुस्सा भी साफ झलका। उपस्थित मुन्नी काकी और श्रीमती रानी राजेश पटेल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि तीन साल से जनता परेशान है। बारिश के दिनों में हालात और भयावह हो जाते हैं, छोटे से सफ़र के लिए भी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को भारी मुसीबतों से गुजरना पड़ता है।
ज्ञापन पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और तीन दिन के भीतर काम शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण कार्य को प्राथमिकता पर लेकर गति दी जाएगी।
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अब वे केवल आश्वासन पर भरोसा नहीं करेंगे। उनका साफ कहना है कि अगर निर्धारित समय पर कार्य नहीं हुआ तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
देवास में अधूरी सड़कों का यह मामला न सिर्फ भ्रष्टाचार की परतें उधेड़ रहा है, बल्कि शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में यह मुद्दा बड़े जनआंदोलन का रूप ले सकता है।
यह मामला अब देवास की जनता की आवाज़ बन चुका है और जिम्मेदार विभागों के लिए खुली चुनौती।