सोनकच्छ क्षेत्र में मई में गर्मी के बजाय आफत की बारिश।
लगातार हो रही बारिश से किसान अपने कृषि से संबंधित काम नहीं कर पा रहे हैं।

सोनकच्छ। सोनकच्छ क्षेत्र में मई का महीना आमतौर पर काफी गर्म होता है और तापमान 40-45 डिग्री के बीच होता है, नदियों में पानी सुख जाता है लोग पानी के लिए हा- हा कार करते है लेकिन इस बार मई के महीने में सोनकच्छ क्षेत्र का मौसम बिलकुल बदला हुआ सा है. मॉनसून से पहले सोनकच्छ क्षेत्र में प्री-मॉनसून वाली बारिश हो रही है। भारी बारिश ने आम लोगों को गर्मी से तो राहत दी, लेकिन किसानों के लिए ये मुसीबत बन गई। बड़े पैमाने पर फसलें बर्बाद हो गईं। आम, अनार, नींबू जैसी बागवानी फसलों के साथ साथ बाजरा, मक्का की फसल भी प्रभावित हुई है। बारिश की सबसे ज्यादा मार प्याज किसानों पर पड़ी है खेतों में रखी प्याज की फसल में पानी लगने से पूरी तरह खराब हो गई है।इसके अलावा सोयाबीन और उड़द एवं मूंग जैसी फसलों के प्रभावित होने की भी आशंका जताई जा रही है।किसानों के मुताबिक सोयाबीन के लिए जुताई और कतार बनाने के मामले में खेत की तैयारी अभी पूरी नहीं हुई है। बारिश ने काम रोक दिया है। बुवाई का काम खेत में पर्याप्त नमी होने के बाद भी शुरू होता है। मूंग और उड़द जैसी फसलों के लिए बुवाई का समय कम होता है, जबकि कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए यह समय लंबा होता है। किसानों को चिंता है कि कहीं यह बारिश बुवाई के दौरान मुश्किल न बन जाए।कल रात हुई मूसलाधार बारिश से कालीसिंध नदी में बाढ़ आ गई। लोगो का कहना है कि मई के महीने में पहली बार इतना पानी आया है नदी में।लगातार हो रही बारिश से किसान अपने कृषि से संबंधित काम नहीं कर पा रहे हैं।