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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी कुमारिया बनवीर से बावड़िया तक कि प्रधानमंत्री सड़क

डामर या काला तेल, आखिर किसका है यह खेल

घटिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने की आवाज बुलंद

डामर नदारद : पैर से खुरचने पर बाहर आ रही गिट्टी चूरी

ग्रामीणों की मांग अच्छे से हो सड़क निर्माण…

19 लाख 66 हजार की लागत से हो रहा नवनिर्माण…

देवास। जिले के सोनकच्छ क्षेत्र में कुमारिया बनवीर से बावडिया तक की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क का नवनिर्माण 19 लाख 66 हजार की लागत से किया जा रहा है। करीब 3 किलोमीटर की इस सड़क का नवनिर्माण गुणवत्ताहीन और इतना घटिया है कि गिट्टी चूरी से डामर ही नदारद है। भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ रही इस सड़क को लेकर ग्राम बावड़िया के लोगों ने आवाज बुलंद की है। इस मामले में प्रधानमंत्री सड़क योजना के महाप्रबंधक जीवन गुप्ता कैमरे के सामने तो नहीं आये किंतु उनका कहना था कि मामला उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने ठेकेदार को हिदायत दी है कि वह काम को ढंग से कराए अन्यथा पेमेंट नहीं किया जाएगा।


ग्राम बावड़िया में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुमारिया बनवीर से ग्राम बावड़िया तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर डामरीकरण सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, गिट्टी चूरी में डामर की मात्रा तो नहीं के बराबर है। जिससे सड़क बनते ही उखड़ रही है, करीब सात साल बाद बन रही सडक मे घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है
ग्रामीणों का कहना है की यहाँ डामर तो दिखाई ही नहीं दे रहा और चूरी की परत बहुत पतली डाली जा रही है, और गिट्टी व चूरी में भी मिट्टी की मात्रा ज्यादा है। यहां तक कि गिट्टी चूरी फैलाने वाली मशीन काम शुरू होने के 2-4 दिन बाद से खराब पड़ी है, इसलिए मजदूर फावड़े से डामर मिली चूरी फैला रहे है और उसपर रोलर चलकर कर्तव्य की इतिश्री की जा रही है।
हम कई बार ठेकेदार और अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीण चाहते हैं कि सड़क का निर्माण सही तरीके से हो ताकि ये सड़क ज्यादा समय तक चले और हमें फिर से परेशान न होना पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सड़क को ठीक ढंग से नहीं बनाया गया तो वे देवास पहुंचकर जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराएंगे और सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत करेंगे।

राजेश धनेचा प्रधान संपादक

हम वो कलम नहीं हैं जो बिक जाती हों दरबारों में हम शब्दों की दीप- शिखा हैं अंधियारे चौबारों में हम वाणी के राजदूत हैं सच पर मरने वाले हैं डाकू को डाकू कहने की हिम्मत करने वाले हैं ............... कलम सत्य की धर्मपीठ है, शिवम् सुंदरम गाती है । राजा भी अपराधी हो तो, सीना ठोक बताती है ।।

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