शास्त्री स्मृति संस्थान का 28 वां जिला स्तरीय सम्मान समारोह सम्पन्न।

सोनकच्छ। दिनांक 15 मार्च 2025 को गीता भवन परिसर में पंडित श्री वल्लभ जी शास्त्री स्मृति संस्थान द्वारा 28वां जिला स्तरीय सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। प्रातः कालीन सत्र सुबह 9 बजे प्रारंभ हुआ। सर्व प्रथम पंडित श्री वल्लभ जी शास्त्री को गीता भवन ट्रस्ट, अध्यात्म मंडल, शास्त्री स्मृति संस्थान एवं नगर के गणमान्य नागरिकों ने पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात हिंदी दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताएंओ के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया तथा नेत्र दानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ब्रह्मकुमारी सोनाली दीदी, अध्यक्ष गीता भवन के प्रबंधक ट्रस्टी ठाकुर अजय सिंह बघेल एवं विशेष अतिथि संस्थान के अध्यक्ष राधेश्याम जोशी थे। शब्दों से स्वागत संस्थान के सचिव अशोक दुबे ने किया। संचालन सतीश चंद्र तिवारी ने किया।
द्वितीय सत्र रात्रि 8 बजे प्रारंभ हुआ। जिसमें जिला स्तरीय सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। अतिथि वक्ता मनीष शर्मा लेखक, साहित्य कार एवं विचारक देवास तथा उन्नीत झांझरी मोटीवेशनल स्पीकर एवं अधिवक्ता इंदौर थे। अतिथि के रूप में संत श्री पूर्णानंद जी महाराज थे। अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष राधेश्याम जोशी ने की। सर्व प्रथम अतिथियों ने भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी का पूजन किया एवं पंडित श्री वल्लभ जी शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का पुष्प हारो से स्वागत गणेश राम पाटीदार, प्रमोद भावसार, अरविंद शर्मा, अशोक दुबे, महेश वर्मा ने किया। शब्दों से स्वागत संस्थान अध्यक्ष राधेश्याम जोशी ने किया। वार्षिक गतिविधियों की जानकारी संस्थान कोषाध्यक्ष प्रमोद भावसार ने दी। संस्थान के नवीन सदस्य नरेंद्र छापरवाल,कमल किशोर पाटीदार, दिनेश कारपेंटर , जितेन्द्र सिंह बघेल, एवं प्रखर गुप्ता का अतिथियों ने पुष्प हारो से स्वागत किया।


तत्पश्चात संस्थान द्वारा रामेश्वर जलोदिया संयोजक मां चामुण्डा सेवा समिति देवास को पंडित श्री वल्लभ शास्त्री सम्मान, डॉ रमेश चंद्र सोनी समाज सेवी देवास को स्व ओंकार लाल शर्मा सम्मान एवं इन्दर सिंह राजपूत गो सेवक एवं समाज सेवी ओढ़नी को स्व इंदौरीलाल पाटोदी सम्मान के तहत शाल श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उन्नीत झांझरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति की ओर उन्मुख होने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति सर्व श्रेष्ठ है पूरा विश्व आज भारतीय संस्कृति अपना रहा है और हमारी युवा पीढ़ी फास्ट फूड, पाश्चात्य संस्कृति अपनाकर अपना जीवन दुखमय बना रही है। परिवार में आत्मीय रिश्ते जीकर एवं आयुर्वेद अपनाकर हम सुखमय जीवन जी सकते हैं। अतिथि वक्ता मनीष शर्मा ने भाषा अभिव्यक्ति पर विशेष जोर दिया। आपने शुद्ध वातावरण एवं भाषा अभिव्यक्ति पर महत्व डाला। आजकल का युवा धैर्य खो रहा है वह प्रेशर कुकर की तरह हो गया है हल्की चोट से भी फट पड़ता है। जीवन में धैर्य जरूरी है अधीरता से हमारा नुकसान होता है। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के सचिव अशोक दुबे ने किया। आभार प्रदर्शन गीता भवन के ट्रस्टी सत्यनारायण लाठी ने किया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्र गान हुआ एवं पंडित श्री वल्लभ जी शास्त्री एवं संस्थान के दिवंगत सदस्य कमल कृष्ण चौहान को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ठाकुर अजय सिंह बघेल, डॉ धर्मेन्द्र कुमार नागर, सुरेश चंद्र भूतड़ा, लक्ष्मी नारायण जाट, शंकर लाल शर्मा,सोभाग सिंह ठाकुर, विजय लक्ष्मी जोशी, महेश सामरिया, रणछोड़ लाल जाजू, प्रकाश चन्द्र बाकलीवाल,हिमलेश शर्मा, जनार्दन सिंह सिकरवार,शेर सिंह भदौरिया, देवेन्द्र जोशी, ईश्वर सिंह जाधव, मुरलीधर झाला, ललित पाटोदी, तरूण सोखिया, महेश सिसोदिया,प्रवीण त्रिवेदी, राकेश गुप्ता आदि उपस्थित थे। साथ ही गीता भवन ट्रस्ट, अध्यात्म मंडल, शास्त्री स्मृति संस्थान के सदस्य गण, गणमान्य नागरिक एवं माता बहने बड़ी संख्या में मौजूद थे।जलपान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।