सोनकच्छ तहसील के घटिया भाना में घूमे गल महाराज, विधायक सोनकर शामिल हुए मेले में
अगले वर्ष से दो दिन लगेगा गल महाराज का मेला।

सोनकच्छ। होली के एक दिन बाद धुलेंड़ी के दिन घट्टियाभाना में मेघनाथ मेला समिति एवं ग्राम पंचायत के सहयोग से मेघनाथ मेले का आयोजन किया गया। मेले में सोनकच्छ विधायक डॉक्टर राजेश सोनकर भी शामिल हुए।


जिन्होंने मेंघनाथ महाराज एवं हनुमान जी महाराज की पूजा अर्चना की। ग्राम के बुजुर्ग व वरिष्ठों के अनुसार लगभग 870 साल से भी अधिक समय से यह मेला लग रहा है।मुख्य रूप से मेले की आस्था का केंद्र है गल महाराज ( मेघनाथ महराज)। मेला परिसर के बीचों-बीच खड़ी 41-41 फीट की दो लकड़ियां (लाट) स्थित है। जिन पर गल महाराज घूमते हैं।
धुलेंड़ी के दिन पड़ियार शाम 5 :30 बजे मेला परिसर में पहुंचते हैं एवं सभी श्रद्धालुओं को दर्शन देते है। 5 बजकर 40 मिनट पर पड़ियार (गल महाराज) स्वयं लाट पर चढ़कर उस पर टंगी खाट पर जाकर उल्टा झुक जाते हैं।उसके बाद उनके सेसहयोगियों द्वारा उनकी पीठ में यूं आकार की दो हेकड़ी से दो छेद कर उनकी पीठ को बिंदा जाता है।उसके बाद हेकड़ी को ऊपर लाट से बांधकर उनका एक पूरा चक्कर लगाया जाता है। इस चक्कर में उनके पूरे शरीर का वजन उनकी पीठ की चमड़ी पर टीका रहता है।जो की अदभुत ही नहीं अपितु असंभव भी है।इस पूरी प्रक्रिया के बाद पडियार को लाट से नीचे उतारकर उनके सहयोगी लोग गले मिलकर आशीर्वाद लेते हैं।इस दौरान देवस्थान और मेला परिसर में उपस्थित
हजारों लोग मेघनाथ महाराज की जय… का जयघोष
करते हैं।मेला समिति के सदस्यों एवं गांव के पटेल द्वारा गल घूमने वाले पडियार को नए कपड़े पहनाकर व साफा बांधकर उनका अभिवादन किया।

इसके पहले मंचासीन कार्यकम में मेला समिति ने विधायक डॉक्टर राजेश सोनकर, वरिष्ठ भाजपा नेता बहादुर सिंह सेंधव, तेजसिंह बघेल, राधेश्याम गजेश्वर नरेंद्र मेहता, अखिलेश अग्रवाल आदि का स्वागत एवं सम्मान किया।


विधायक डॉक्टर राजेश सोनकर ने
क्षेत्रवासीयों को होली पर्व की बधाई देते कहा कि भक्त प्रहलाद ने सनातन धर्म की रक्षा का जिस प्रकार से उदाहरण पेश किया वह कोई नहीं कर सकता। भगवान नारायण की सेवा में वह इतने लीन थे कि उनका वध करने का अनेकों बार प्रयास किया गया कारण सिर्फ भगवान का नाम लेना था इतनी यातनाओं के बाद भी उन्होंने सनातन की राह को छोड़ना स्वीकार नहीं किया।
सनातन धर्म मे वो शक्ति है जिसका उदाहरण है कि होलिका जिसको कभी ना जलने का वरदान था लेकिन भक्त प्रह्लाद की भक्ति की शक्ति के सामने वो होलिका का वरदान भी फीका साबित हुआ और उसी अग्नि में होलिका का दहन हो गया।भगवान ने भक्त प्रहलाद को सुरक्षित उस अग्नि में से बाहर निकाला। यही है सनातन धर्म की भक्ति की शक्ति सनातन धर्म की रक्षा करते हुए पिछले 870 साल से मेले में गल महाराज घुमाने की इस परंपरा का आप सभी निर्वाहन कर रहे है।एक. एक व्यक्ति सनातन धर्म का रक्षक है।

समाज सेवी अखिलेश अग्रवाल ने मेघनाथ महाराज मेला समिति को जहां मेला लगता है वहां की एक बीघा जमीन दान में दी। समाजसेवी अखिलेश अग्रवाल के इस प्रशंसनिय कार्य की विधायक सहित ग्रामीणों द्वारा
प्रशंसा की गई।मेला समिति एवं ग्रामीणों ने समाज सेवी अखिलेश अग्रवाल का सम्मान किया एवं उनका आभार व्यक्त किया।समाज सेवी अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि मेरे द्वारा यहां की जमीन खरीदी गई थी मुझे मंदिर समिति के लोगों ने बताया कि इस जमीन पर मेला लगता है। मंदिर समिति के निवेदन पर मैने यह जमीन मंदिर समिति को दान में दी है। ताकि यह मेला भव्य तरीके से लगातार चलता रहे और सनातन की अलख जगती रहे।
मेला समिति एवम् ग्राम पंचायत ने विधायक सोनकर को मेला परिसर में पेवर ब्लॉक,सीमेंट कांक्रीट एवं बाउंड्री वाल के लिए मांग पत्र सौंपा। जिस पर विधायक सोनकर ने कहा कि इसके पहले जब में आया था तब मैने यहां चद्दर शेड की घोषणा की थी उसका काम जल्दी ही शुरू हो जाएगा। राम मंदिर में 2 लाख रुपए देने का कहा था वो भी जल्द आप तक पहुंच जाएंगे
रही बात इस जगह की बाउंड्री वाल एवं अन्य काम की वो भी जल्द पूरे हो जाएंगे।
मेला समिति द्वारा आने वाले वर्ष से मेले का आयोजन 2 दिन करने का निर्णय लिया गया ताकि यहां आने वाले दुकानदारों को दो दिन तक रोजगार करने का अवसर मिले।