सोनकच्छ में श्री राजपूत करणी सेना ने केसरिया रैली एवं स्वाभिमान यात्रा निकाली।
यात्रा में श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनुराग प्रताप सिंह राघव शामिल हुए

सोनकच्छ । श्री राजपूत करणी सेना ने सोनकच्छ में रविवार को प्रीतम सिंह राजपूत के नेतृत्व में केसरिया रैली एवं स्वाभिमान यात्रा निकाली यात्रा में श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनुराग प्रताप सिंह राघव ,करणी सेना जिला अध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह गौड आकाश खिची, ठा मोहनसिंह बैस ,कमलसिंह जादोन, दिग्विजय सिंह ,गौरवसिंह राजपूत ,तुफानसिंह सरपंच बांगर बबलूसिंह मकवाणा ,लोकेन्द्रसिंह मनासा एवं करणी सैनिक शामिल हुए।
करणी सेना के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं सनातनी हिंदू सोनकच्छ बस स्टैंड पर इकट्ठे हुएऔर वहां से पैदल मार्च निकाला जो सोनकच्छ के महाराणा प्रताप चौक तक निकाला गया जिसका जगह – जगह विभिन्न धार्मिक, राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया। महाराणा प्रताप चौक पहुंचने पर अतिथियों द्वारा वहां विराजित शूरवीर महाराणाप्रताप प्रतिमा की पूजाअर्चना कर साफा बांधा गया। मंचासीन कार्यकम में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनुराग प्रताप सिंह राघव ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अपना दुर्भाग्य समझता हूं कि जिस योद्धा ने अपने हाथों से लाखों शत्रुओं को परास्त किया उस योद्धा की पुरी मुर्ती अभी तक सोनकच्छ में नही लगी है। अगले वर्ष जब महाराणा प्रताप की जयंती हो तब इसी चौराहे पर शूरवीर महाराणाप्रताप की घोड़े वाली मुर्ती स्थापित हो इस बात को लेकर सर्व समाज आज यहां प्रतिज्ञा लें।हिंदू अलग.अलग जातीयों में बट गया है आज हम बोलते है कि हिंदू.जागो हिंदू जागो परन्तु हिंदु दो घटें के लिए भी नही जागता है । यदी ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नही जब कोई औरंगजैब की औलाद पैदा होगी और हिंदूत्व के लिए खतरा बनेगी। मेरा हिंदू भाईयों से कहना है कि सरकार भले हमे हथियार दे या ना दे हमे हथियार हमेशा अपने पास रखना चाहिए। जातीवाद को पिछे छोड़ दो और जब बात हिंन्दूत्व की आए तो दनादन कर दो आवेदन निवेदन का खेल तो बहुत हो चुका। कार्यक्रम के दौरान अतिथि राघव द्वारा विजय बना शिवपुर को छात्र ईकाई संघ का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारीयों द्वारा अपने विभाग के एक उच्च अधिकारी की मौखिक शिकायत की गई। संचालन व आभार प्रदर्शन युवा समाजसेवी राजप्रतापसिंह बैस ने किया।