सायबर अपराध एक गंभीर समस्या है सतर्कता एवं जागरूकता जरूरी – स्पेशल DGP डॉं. कपूर
“Black Ribbon Initiative” “सहयोग” अभियान के तहत 721वीं कार्यशाला संपन्न

सायबर अपराधी सोशल मीडिया जैसे फैसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर आपके द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग धोखाधड़ी में करते हैं ।
इंदौर । विशेष पुलिस महानिदेशक डॉं. वरूण कपूर द्वारा “Black Ribbon Initiative” “सहयोग” अभियान के तहत मध्य प्रदेश कम्प्यूटर टेलीकॉम एसोसियेशन, इंदौर के लिये ”सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता” विषय पर दिनांक 08.11.2024 को जाल सभागृह, इंदौर में 721वीं कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें एसोसियेशन के 118 सदस्य एवं 9 पदाधिकारियों ने भाग लिया । कार्यशाला में मध्य प्रदेश कम्प्यूटर टेलीकॉम एसोसियेशन पूर्व अध्यक्ष श्री जगदीश मंत्री, पूर्व अध्यक्ष श्री सुमित गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष राघवेन्द्र त्रिपाठी, ब्रांच हेड जेब्रोनिक श्री धनपत पुगलिया, अध्यक्ष श्री राकेश डागा, सचिव नीरज मित्तल, वाईस प्रेसिडेंट श्री राजीव बजाज, सह सचिव श्री प्रियव्रत शाह, कोषाध्यक्ष श्री पीयूष जैन एवं कार्यकारी सदस्य श्री अर्पित जैन, श्री गुंजन कोठारी, श्री विवेक जैन व श्री विजय मालविया विशेष रूप से उपस्थित रहे । मध्य प्रदेश कम्प्यूटर टेलीकॉम एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री राकेश डागा ने डॉं. वूरूण कपूर का स्वागत किया तथा एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष श्री जगदीश मंत्री ने प्लांट एवं पूर्व अध्यक्ष श्री सुमित गुप्ता ने पुष्पगुच्छ भेट कर डॉं. वरूण कपूर का स्वागत किया गया ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉं. वरूण कपूर, विशेष पुलिस महानिदेशक द्वारा सायबर अपराध के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई व बताया कि सायबर अपराधों में फिशिंग ऑनलाईन धोखाधड़ी फर्जी ईमेल, फर्जी वेबसाईट बनाकर, फर्जी लिंक भेजकर, झूठे लुभावने ऑफर देकर धोखाधडी की जाती है । सायबर अपराधी सोशल मीडिया जैसे फैसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर आपके द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग धोखाधड़ी में करते हैं । वर्तमान में दैनंदिन के समस्त कार्यों में कम्प्यूटर/इंटरनेट का उपयोग हो रहा है। हमें सायबर अपराध जैसे-सायबर बुलिंग, फिशिंग, स्टॉकिंग, ग्रुमिंग से जुड़े अपराधों के बारे में जानकारी भी होना चाहिये । वित्तीय धोखधड़ी की घटनायें आम हो गई है । डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है अतः जानकार बनने के साथ ही सतर्क एवं जागरूक रहना होगा । हमारी सुरक्षा का ध्यान हमें स्वयं रखना होगा । बैंक अथवा वित्तीय संस्थान द्वारा फोन पर न तो डेबिट/क्रेडिट कार्ड नम्बर, यूपीआई पिन नम्बर, ओटीपी, एटीएम पिन, बैक खाता विवरण की जानकारी और न ही केवायसी की मांग की जाती है । ऐसे फोन कॉल को नजर अंदाज करें। अपनी निजी जानकारी को साझा न करें। एसएमएस भेजकर उसे अनजान नम्बर पर फारवर्ड करने की सलाह से बचे । अनावश्यक ऐप डाउनलोड करने से बचें । मोबाईल बैंकिंग ऐप का मजबूत पासवर्ड बनाये । समय समय पर पासवर्ड बदलते रहे व किसी से भी सांझा न करें। अनजान फोनकॉल/विडियो कॉल को अटेंण्ड न करें । सुरक्षित जगह से ही अपना अकाउंट एक्सेस करें और कार्य हो जाने के बाद लॉग आउट करें । सार्वजनिक स्थानों के वाई-फाई नेटवर्क के उपयोग से बचे । अनजान लिंक पर क्लिक न करें । सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें । सोशल मीडिया में प्रसारित की जाने वाली किसी भी पोस्ट/जानकारी पर ऑंख मूंदकर विश्वास न करें और फारवर्ड न करें । सत्यता की जॉंच के बाद ही किसी पोस्ट को लाईक, शेयर एवं फारवर्ड करें । यदि कोई घटना घटित होती है तो तुरंत बैंक/वित्तीय संस्थान और पुलिस को सूचित करें।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा अपनी जिज्ञासा प्रश्नों के माध्यम से रखी, जिनका समाधान डॉं. कपूर ने सहजता से किया । कार्यशाला के अंत में मध्य प्रदेश कम्प्यूटर टेलीकॉम ऐसासियेशन के पूर्व अध्यक्ष राघवेन्द्र त्रिपाठी ने प्रमाण पत्र एवं ब्रांच हेड जेब्रोनिक श्री धनपत पुगलिया ने डॉं. वरूण कपूर को मोमेंटो भेंट किया ।
कार्यशाला के सफल संचालन में सहा. सेनानी श्रीमती नीति दण्डोतिया व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।