देवासमध्य प्रदेशसोनकच्छ

दुखी किसान ने कटी सोयाबीन की फसल में लगाई आग,

अनावश्यक खर्च से बचे किसान भाई

सोनकच्छ । सरकार द्वारा भले ही बार-बार दावा किया जा रहा है कि खेती लाभ का धंधा बन रही है, किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है, लेकिन इन दावों के विपरीत कई किसानों के लिए खेती लाभ धंधा बनती नजर नहीं आ रही है. इस वर्ष हुई अति जलवृष्टि की वजह से किसानों की फसल खराब हो गई है.

किसानों को मुनाफा तो दूर लागत तक नहीं निकली. अपनी खराब फसल को देख दुखी हुए एक किसान ने अपनी सोयाबीन की फसल को ही आग के हवाले कर दिया।सोनकच्छ क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश से बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल को लेकर किसान परेशान हैं अपनी खून-पसीने से सींची फसल को आग लगाने पर मजबूर हो गए हैं. सोनकच्छ क्षेत्र में इस बार सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ है. हालत यह है कि किसान अपनी कड़ी मेहनत से उगाई फसल को अपने ही हाथों से आग लगाने पर मजबूर हो गए हैं. भारी बारिश और खेतों में जलभराव के कारण किसानों की कटी और खड़ी खरीफ की सोयाबीन की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है.

किसान ने सोयाबीन की फसल में लगाई आग, वीडियो वायरल

सोनकच्छ तहसील के ओड गांव के एक परेशान किसान का सोयाबीन की फसल में आग लगाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. ओड गांव के किसान  भीम सिंह चौधरी पिता अंतर सिंह चौधरी ने अपने खेत में सोयाबीन बोई थी जो हाल ही में हुई बारिश के कारण खराब हो गई. किसान ने  पूरी फसल मजदूरों  से कटवाई और फिर उसे आग के हवाले कर दिया.

मेहनत से उगाई फसल को आग लगाने की वजह क्या रही 

दरअसल, किसान अपनी मेहनत से उगाई फसल को आग लगाने पर इसलिए मजबूर हो गए क्योंकि इस बार फसल का उत्पादन बहुत कम हो रहा था. लगातार बारिश के कारण फसल को भारी नुकसान हुआ. फसल खेत में ही अंकुरित होकर सड़ने लगी और फलियाँ पौधों से गिरने लगीं. वहीं, पककर कटाई के लिए तैयार सोयाबीन की फसल भी पानी भर जाने से सड़ गई.

फसल जलाने वाले किसानों का कहना है कि यदि वे फसल को निकालते भी तो थ्रेसिंग का खर्चा जेब से देना पड़ता।महंगा बीज खरीदकर बोया गया था. खाद, बीज, दवाई, मजदूरी सब अपनी जेब से खर्च की गई लेकिन सोयाबीन की फ़सल में लागत भी नहीं निकली जिसके कारण फसल में आग लगा रहे हैं।

किसान नेता गोविंद सिंह चौधरी ने बताया कि सोनकच्छ क्षेत्र के बहुत से किसानों की फसल खराब हो गई है  अब किसान कैसे बिजली का बिल भरेगा कैसे आगे की फसल बोएगा। कैसे त्यौहार मनाएगा। सरकार को किसानों को फसल का मुआवजा देना चाहिए।

ओड गांव के ही अन्य किसान देवकरण चौधरी का कहना है कि मुझे 5 बीघा खेत में 1क्विंटल 30 किलो सोयाबीन हुई। लागत भी नहीं निकली। अब किसान करे भी तो क्या करे।

कैलाश चन्द्र जोशी वरिष्ठ संवाददाता

ट्रुथ 24 का सच्चा सिपाही हु, सच को सच कहने की ताकत। मै अदना सा कलमकार हूँ घायल मन की आशा का मुझको कोई ज्ञान नहीं है छंदों की परिभाषा का जो यथार्थ में दीख रहा है मैं उसको लिख देता हूँ कोई पीड़ित चीख रहा है मैं उसको लिख देता हूँ

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